ਦਸਮ ਗਰੰਥ । दसम ग्रंथ । |
Page 576 ਰਣੰ ਬੀਰ ਗਿਰਤ ॥ रणं बीर गिरत ॥ ਭਵੰ ਸਿੰਧੁ ਤਰਤ ॥ भवं सिंधु तरत ॥ ਨਭੰ ਹੂਰ ਫਿਰਤ ॥ नभं हूर फिरत ॥ ਬਰੰ ਬੀਰ ਬਰਤ ॥੨੩੦॥ बरं बीर बरत ॥२३०॥ ਰਣ ਨਾਦ ਬਜਤ ॥ रण नाद बजत ॥ ਸੁਣਿ ਭੀਰ ਭਜਤ ॥ सुणि भीर भजत ॥ ਰਣ ਭੂਮਿ ਤਜਤ ॥ रण भूमि तजत ॥ ਮਨ ਮਾਝ ਲਜਤ ॥੨੩੧॥ मन माझ लजत ॥२३१॥ ਫਿਰਿ ਫੇਰਿ ਲਰਤ ॥ फिरि फेरि लरत ॥ ਰਣ ਜੁਝਿ ਮਰਤ ॥ रण जुझि मरत ॥ ਨਹਿ ਪਾਵ ਟਰਤ ॥ नहि पाव टरत ॥ ਭਵ ਸਿੰਧੁ ਤਰਤ ॥੨੩੨॥ भव सिंधु तरत ॥२३२॥ ਰਣ ਰੰਗਿ ਮਚਤ ॥ रण रंगि मचत ॥ ਚਤੁਰੰਗ ਫਟਤ ॥ चतुरंग फटत ॥ ਸਰਬੰਗ ਲਟਤ ॥ सरबंग लटत ॥ ਮਨਿ ਮਾਨ ਘਟਤ ॥੨੩੩॥ मनि मान घटत ॥२३३॥ ਬਰ ਬੀਰ ਭਿਰਤ ॥ बर बीर भिरत ॥ ਨਹੀ ਨੈਕੁ ਫਿਰਤ ॥ नही नैकु फिरत ॥ ਜਬ ਚਿਤ ਚਿਰਤ ॥ जब चित चिरत ॥ ਉਠਿ ਸੈਨ ਘਿਰਤ ॥੨੩੪॥ उठि सैन घिरत ॥२३४॥ ਗਿਰ ਭੂਮਿ ਪਰਤ ॥ गिर भूमि परत ॥ ਸੁਰ ਨਾਰਿ ਬਰਤ ॥ सुर नारि बरत ॥ ਨਹੀ ਪਾਵ ਟਰਤ ॥ नही पाव टरत ॥ ਮਨਿ ਕੋਪ ਭਰਤ ॥੨੩੫॥ मनि कोप भरत ॥२३५॥ ਕਰ ਕੋਪ ਮੰਡਤ ॥ कर कोप मंडत ॥ ਪਗ ਦ੍ਵੈ ਨ ਭਜਤ ॥ पग द्वै न भजत ॥ ਕਰਿ ਰੋਸ ਲਰਤ ॥ करि रोस लरत ॥ ਗਿਰ ਭੂਮਿ ਪਰਤ ॥੨੩੬॥ गिर भूमि परत ॥२३६॥ ਰਣ ਨਾਦ ਬਜਤ ॥ रण नाद बजत ॥ ਸੁਣਿ ਮੇਘ ਲਜਤ ॥ सुणि मेघ लजत ॥ ਸਭ ਸਾਜ ਸਜਤ ॥ सभ साज सजत ॥ ਪਗ ਦ੍ਵੈ ਨ ਭਜਤ ॥੨੩੭॥ पग द्वै न भजत ॥२३७॥ ਰਣਿ ਚਕ੍ਰ ਚਲਤ ॥ रणि चक्र चलत ॥ ਦੁਤਿ ਮਾਨ ਦਲਤ ॥ दुति मान दलत ॥ ਗਿਰਿ ਮੇਰੁ ਹਲਤ ॥ गिरि मेरु हलत ॥ ਭਟ ਸ੍ਰੋਣ ਪਲਤ ॥੨੩੮॥ भट स्रोण पलत ॥२३८॥ ਰਣ ਰੰਗਿ ਮਚਤ ॥ रण रंगि मचत ॥ ਬਰ ਬੰਬ ਬਜਤ ॥ बर ब्मब बजत ॥ ਰਣ ਖੰਭ ਗਡਤਿ ॥ रण ख्मभ गडति ॥ ਅਸਿਵਾਰ ਮੰਡਤ ॥੨੩੯॥ असिवार मंडत ॥२३९॥ ਕ੍ਰਿਪਾਨ ਕਿਰਤ ॥ क्रिपान किरत ॥ ਕਰਿ ਕੋਪ ਭਿਰਤ ॥ करि कोप भिरत ॥ ਨਹੀ ਫਿਰੈ ਫਿਰਤ ॥ नही फिरै फिरत ॥ ਅਤਿ ਚਿਤ ਚਿਰਤ ॥੨੪੦॥ अति चित चिरत ॥२४०॥ ਚਾਚਰੀ ਛੰਦ ॥ चाचरी छंद ॥ ਹਕਾਰੈ ॥ हकारै ॥ ਪ੍ਰਚਾਰੈ ॥ प्रचारै ॥ ਪ੍ਰਹਾਰੈ ॥ प्रहारै ॥ ਕਰਵਾਰੈ ॥੨੪੧॥ करवारै ॥२४१॥ ਉਠਾਵੈ ॥ उठावै ॥ ਦਿਖਾਵੈ ॥ दिखावै ॥ ਭ੍ਰਮਾਵੈ ॥ भ्रमावै ॥ ਚਲਾਵੈ ॥੨੪੨॥ चलावै ॥२४२॥ ਸੁ ਧਾਵੈ ॥ सु धावै ॥ ਰਿਸਾਵੈ ॥ रिसावै ॥ ਉਠਾਵੈ ॥ उठावै ॥ ਚਖਾਵੈ ॥੨੪੩॥ चखावै ॥२४३॥ ਝੁਝਾਰੇ ॥ झुझारे ॥ ਅਪਾਰੇ ॥ अपारे ॥ ਹਜਾਰੇ ॥ हजारे ॥ ਅਰਿਆਰੇ ॥੨੪੪॥ अरिआरे ॥२४४॥ ਸੁ ਢੂਕੇ ॥ सु ढूके ॥ ਕਿ ਕੂਕੇ ॥ कि कूके ॥ ਭਭੂਕੇ ॥ भभूके ॥ ਕਿ ਝੂਕੇ ॥੨੪੫॥ कि झूके ॥२४५॥ ਸੁ ਬਾਣੰ ॥ सु बाणं ॥ ਸੁਧਾਣੰ ॥ सुधाणं ॥ ਅਚਾਣੰ ॥ अचाणं ॥ ਜੁਆਣੰ ॥੨੪੬॥ जुआणं ॥२४६॥ ਧਮਕੇ ॥ धमके ॥ ਹਮਕੇ ॥ हमके ॥ ਝੜਕੇ ॥ झड़के ॥ ਛਟਕੇ ॥੨੪੭॥ छटके ॥२४७॥ ਸਗਾਜੈ ॥ सगाजै ॥ ਸਸਾਜੈ ॥ ससाजै ॥ ਨ ਭਾਜੈ ॥ न भाजै ॥ ਬਿਰਾਜੈ ॥੨੪੮॥ बिराजै ॥२४८॥ ਨਿਖੰਗੀ ॥ निखंगी ॥ ਖਤੰਗੀ ॥ खतंगी ॥ ਸੁਰੰਗੀ ॥ सुरंगी ॥ ਭਿੜੰਗੀ ॥੨੪੯॥ भिड़ंगी ॥२४९॥ ਤਮਕੈ ॥ तमकै ॥ ਪਲਕੈ ॥ पलकै ॥ ਹਸਕੈ ॥ हसकै ॥ ਪ੍ਰਧਕੈ ॥੨੫੦॥ प्रधकै ॥२५०॥ ਸੁ ਬੀਰੰ ॥ सु बीरं ॥ ਸੁ ਧੀਰੰ ॥ सु धीरं ॥ ਪ੍ਰਹੀਰੰ ॥ प्रहीरं ॥ ਤਤੀਰੰ ॥੨੫੧॥ ततीरं ॥२५१॥ ਪਲਟੈ ॥ पलटै ॥ ਬਿਲਟੈ ॥ बिलटै ॥ ਨ ਛੁਟੈ ॥ न छुटै ॥ ਉਪਟੈ ॥੨੫੨॥ उपटै ॥२५२॥ ਬਬਕੈ ॥ बबकै ॥ ਨ ਥਕੈ ॥ न थकै ॥ ਧਸਕੈ ॥ धसकै ॥ ਝਝਕੈ ॥੨੫੩॥ झझकै ॥२५३॥ ਸਖਗੰ ॥ सखगं ॥ ਅਦਗੰ ॥ अदगं ॥ ਅਜਗੰ ॥ अजगं ॥ ਅਭਗੰ ॥੨੫੪॥ अभगं ॥२५४॥ ਝਮਕੈ ॥ झमकै ॥ ਖਿਮਕੈ ॥ खिमकै ॥ ਬਬਕੈ ॥ बबकै ॥ ਉਥਕੈ ॥੨੫੫॥ उथकै ॥२५५॥ ਭਗਉਤੀ ਛੰਦ ॥ भगउती छंद ॥ ਕਿ ਜੁਟੈਤ ਬੀਰੰ ॥ कि जुटैत बीरं ॥ ਕਿ ਛੁਟੈਤ ਤੀਰੰ ॥ कि छुटैत तीरं ॥ ਕਿ ਫੁਟੈਤ ਅੰਗੰ ॥ कि फुटैत अंगं ॥ ਕਿ ਜੁਟੈਤ ਜੰਗੰ ॥੨੫੬॥ कि जुटैत जंगं ॥२५६॥ ਕਿ ਮਚੈਤ ਸੂਰੰ ॥ कि मचैत सूरं ॥ ਕਿ ਘੁਮੈਤ ਹੂਰੰ ॥ कि घुमैत हूरं ॥ ਕਿ ਬਜੈਤ ਖਗੰ ॥ कि बजैत खगं ॥ ਕਿ ਉਠੈਤ ਅਗੰ ॥੨੫੭॥ कि उठैत अगं ॥२५७॥ |
Dasam Granth |